सब्स्टन्स पेंटर- भौतिकीय आधारित प्रतिपादन का परिचय
सभी को मेरा नमस्ते!
इस परीक्षण में मैं आपसे भौतिकीय आधारित प्रतिपादन ( या “paradigm”) के तरीक़े को विशेषतया सब्स्टन्स पेंटर में देखेंगे।
सब्स्टन्स पेंटर हमें उन सामग्री को परिभाषित करने की अनुमति देता है जो कि Physically Based Rendering (PBR) मॉडल का पालन करती हैं।( ज़ाहिर है कि वस्तुओं की सतहों के संदर्भ में, कभी आप PBS भी पाएँगे जिसे Physically Based Shading के नाम से भी जाना जाता है।)
PBR सामग्री कुछ टेक्स्चर्ज़ (चित्र जो कि 3D वस्तुओं पर मैप किए गये हैं) से मिलकर बनी होती है; यहाँ, हम केवल देखेंगे कि वो क्या हैं और सबसे ज़्यादा, सब्स्टन्स में PBR सामग्री को परिभाषित करने के लिए वो कैसे एक दूसरे से जुड़ी हैं। हमें इन चीजों को इसलिए समझना होगा ताकि हम बिना अंदाज़ा लगाए आत्मविश्वास के साथ अपनी सामग्री को बना सके व उन्हें अपने अनुसार बदल सकें।
इस शिक्षण को सैद्धांतिक बनाने से बचने के लिए, मैं PBR के मौलिक तत्वों के बारे में और इस प्रोग्राम में पहले से ही मौजूद सामग्री और टेक्स्चर के साथ इन्हें 3D मॉडल की सहायता से सब्स्टन्स में कैसे अनुवादित करते हैं, के बारे में बात करूँगा; हालाँकि इस शिक्षण से सीखने के लिए इस मॉडल का आपके पास होना ज़रूरी नहीं है।
Physically Based Rendering मॉडल, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, भौतिक द्रष्टिकोण पर आधारित है: कि असली दुनिया में क्या होता है।
आप सामग्री को दो कार्यरत तरीक़ों से उल्लिखित कर सकते हैं: Metallic और Specular।
पहली स्थिति (Metallic) में, हमें धात्विक और अधात्विक सतहों के बीच में अंतर करना होगा, इस अंतर को शुरू करते हुए बाक़ी अन्य चैनल अलग तरीक़े से व्यवहार करने लगेंगे।
जबकि, दूसरी स्थिति (Specular) में, हम specular reflections की तीव्रता और रंग वर्णक को बताते हैं ताकि हम यह पता लगा सके कि प्रकाश वस्तुओं की सतहों के सम्पर्क में आने पर कैसे व्यवहार करता है।
विशेषतया, PBR metallic कार्यप्रवाह (जिसे इस उदाहरण में प्रयोग किया गया है) में, सतह की उपस्थिति कुछ विशेषताओं से दी जाती है, जिसमें से कुछ सबसे ज़रूरी इस प्रकार हैं:
- इसकी प्रकृति: धात्विक या अधात्विक (या : “dielectric”);
- इसका “base color”, जो धात्विक वस्तुओं में प्रकाश परावर्तन की तीव्रता को दर्शाता है, जबकि अधात्विक वस्तुओं में यह सतह के base color को बिना किसी प्रकाश प्रभाव के साथ दर्शाता है।
- सतह के कई बिंदुओं पर चमक/चिकनेपन के स्तर को (“Glossiness”; जो कि “Roughness” का उल्टा है)
इन विशेषताओं में, जिनका वास्तविक दुनिया में निरीक्षण किया गया है, कुछ को जोड़ा गया है जो कि आभासी दुनिया में सुविधाजनक हैं; उदाहरण के लिए, विशेष टेक्स्चर चित्रों जैसे “Normal Maps” या “Height Maps” के माध्यम से इनका ज्यमिती पर मॉडल बनाए बिना, इनका अनुकरण कर, इनके विवरण का पता लगाना सम्भव है।(कम से कम संख्या में शीर्ष, भुजाओं और प्रष्ठों को रखने के लिए - अतः गणना के संसाधनो को रेंडरिंग चरण में कम प्रयोग करना, विशेष रूप से विडीओ गेम्ज़ और अन्य रियल-टाइम ऐप्लिकेशन में)।
इस विडीओ में जो लकड़ी कि बैरल मैंने उपयोग की है, हमें यह जाँच की अनुमति देता है कि, एक अकेली वस्तु में, कैसे यह बुनियादी जानकारी टेक्स्चर्ज़ में अनुवादित होती है और सब्स्टन्स सामग्री से जोड़ी जाती है।
3D विंडो में वस्तु पर लागू होने वाली पूरी सामग्री के प्रारूप को देखने के लिए, मैं M कुंजी को दबा रहा हूँ (असल में, सामग्री), या मैं 3D विंडो में ऊपरी दाएँ हिस्से में मौजूद ड्रॉप-डाउन मेनू से सामग्री को चुनूँगा।
जैसा की आप देख सकते हैं, हमारे पास दोनो तत्व हैं: धातु (लोहा) और अधातु (लकड़ी), जो हमें, PBR मॉडल में, इन दोनो समग़्रियों के अंतर को समझने में मदद करेंगी जिनसे यह बनी हैं जो कि इनके आधार रंगों और सपेकुलर प्रतिबिंबों के रंगों में परिभाषित हैं।
विशिष्ट जानकारी वाले चैनल्ज़ (जो कि कई सारे टेक्स्चर्ज़ चित्रों में अनुवादित हैं को वस्तु की सतह में लागू किया गया है) को देखने के लिए, हम C कुंजी को कई बार दबाएँगे या ऊपरी दायीं ओर की 3D विंडो में ड्रॉप-डाउन मेनू में जो चैनल अच्छा लगेगा उसे चुन लेंगे।
चलिए Metallic चैनल से शुरू करते हैं, जो कि यह बताता है कि सामग्री के कौन से भाग को धातु की तरह प्रयोग करना है और कौन से भाग को नहीं, विशेषतय: ग्रेस्केल चित्र का उपयोग करते हुए, जहां सफ़ेद रंग को शुद्ध धातु के लिए और काले को शुद्ध अधातु के लिए; बैरल की स्थिति में हमारे पास सिलेटि रंग हैं क्यूँकि सामग्री धात्विक भागों के लिए प्रयोग होती है, “iron old”, जैसा कि नाम से स्पष्ट है पुराने, घिसे हुए लोहे को प्रस्तुत करता है, और शायद धूल और जंग के साथ जो कि सतह की “metallicity” को कम करता है।
वहीं दूसरी ओर लकड़ी के भाग, एक दम काले रंग का दिखता है, या अधातु कहना सही होगा, जैसा इसे होना चाहिए।
चलिए अब PBR के दूसरे मौलिक चैनल की तरफ़ आगे बढ़ते हैं: Base Color।
जैसा कि आप देख सकते हैं, यह जानकारी वाला चैनल वस्तु के आधारीय रंग को टेक्स्चर रंग के द्वारा दर्शाता है, बिना प्रकाशित और छायांकित प्रभावों के बिना: यह “flat” टेक्स्चर्ज़ हैं।
धात्विक भागों और लकड़ी के भागों के रंगों की तीव्रता में समानताएँ हैं: यह सच है की रंग अलग हैं लेकिन यदि ये पूरी तरह से अलग समग्रीयों से बने हों फिर भी ये पूर्णतया अलग नहीं दिखते हैं
इसका कारण यह है कि, प्रतिपादन और छायांकन की प्रक्रियाओं के दौरान, अंतर जो कि, सब्स्टन्स द्वारा मेटैलिक चैनल (और इसके टेक्स्चर) का उपयोग करके बनाया जाता है, जो सब्स्टन्स को बताता है कि प्रकाश प्रतिबिंबों को अलग-अलग तरीके से सम्भाला जाना चाहिए, जो इस बात पर निर्भर करता है कि वे धात्विक या अधात्विक सतहों से संबंधित हैं: वास्तव में धातु के हिस्सों के बेस कलर का सिलेटीपन इन प्रतिबिंबों को दिए जाने वाले प्रकाश प्रतिबिंबो (और रंग वर्णक) की तीव्रता को परिभाषित करती हैं।
Iron Old सामग्री एक "dirty" सामग्री है, इसलिए प्रभाव को बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता, लेकिन देखिए कि, विभिन्न चैनलों व अंतिम परिणाम में चीजें कैसे बदलती हैं, अगर मैं एक "Alluminium Pure" सामग्री को लकड़ी और धातु की सामग्री के बीच रखता हूँ और अगर मैं नीचे Iron Old सामग्री को निष्क्रिय कर दूँ:
- अंतिम परिणाम में, धातु वाले हिस्से पहले की तुलना में बहुत अधिक परावर्तक दिखाई देते हैं;
- मटैलिक चैनल में, धात्विक भाग शुद्ध सफेद रंग में होते हैं: यह एक बहुत ही शुद्ध धातु है;
- बेस कलर चैनल में, धात्विक हिस्से लगभग सफेद होते हैं: यह एक संकेत है कि उन बिंदुओं में स्पेक्युलर प्रतिबिंबों की तीव्रता अधिकतम होगी और कोई कलर वर्णक नहीं होगा।
अब देखिए कि Aluminium Pure में मेटैलिक मान को शून्य करने पर क्या होता है: “bands" सफेद हो गए हैं, वे अब पहले की तरह प्रतिबिंबित नहीं हो रहे हैं, वे सफेद प्लास्टिक की वस्तुओं की तरह दिखते हैं।
अब हम मेटैलिक को 1 पर सेट करते हैं, लेकिन हम बेस कलर के मान को कम करते हैं: धातु के bands विशिष्ट "Reflectivity" को बनाए रखते हैं, लेकिन वे धीरे-धीरे गहरे रंग के हो जाते हैं।
मुद्दा यह है की: मटैलिक कार्यप्रवाह में, इस तरह, किसी वस्तु का बेस कलर अपने आप में, यह परिभाषित करने के लिए पर्याप्त नहीं है कि सतह कैसे और कितनी प्रतिबिंबित होगी, क्योंकि यह निर्दिष्ट करना होगा कि यह एक धातु है या नहीं; एक धात्विक सतह में, बेस कलर की तीव्रता, स्पेक्युलर प्रकाश प्रतिबिंबों की तीव्रता भी है, जबकि एक अधात्विक में बेस कलर, सतह के उचित रंगो को परिभाषित करता है, जैसा कि बैरल के लकड़ी के हिस्सों पर होता है।
सामग्री के तीसरे मूलभूत चैनल के प्रभाव: Roughness, को दिखाने के लिए मैं Aluminum Pure सामग्री को सक्रिय और Iron Old को निष्क्रिय रख रहा हूँ।
Roughness (जो Glossiness के विपरीत है), मटैलिक मैप छवि की तरह, ग्रे स्केल छवि के साथ प्रस्तुत की जाती है, जहां सफेद अधिकतम roughness है, जबकि काला पूरी तरह से glossy है, पूरी तरह से प्रतिबिंबित सतह को दर्शाता है; वास्तव में, PBR में मटैलिक सामग्री के साथ शुद्ध सफेद रंग और Roughness 0 के साथ एक उत्तम प्रतिबिम्ब बनता है, जैसा कि अभी वीडियो में भी दिखाई दे रहा है।
Roughness का मान बढ़ाकर, हम सतह को कम चिकना बना देंगे और इसलिए, यह इसके प्रतिबिंबों को और अधिक "diffuse" (धुंधला) बना देगा। यह धातुओं और अधातुओं दोनों पर लागू होता है।
अब मैं Aluminum Pure सामग्री को हटा रहा हूँ और मैं प्रोजेक्ट के मूल कॉन्फ़िगरेशन पर वापस जाने के लिए Iron Old को सक्रिय कर रहा हूँ और कुछ “extra" जानकारी पर ध्यान दे रहा हूँ, जो कंप्यूटर ग्राफिक्स में आपको, भौतिक रूप से उन्हें ज्यामितीय मॉडल पर बनाए बिना, प्रतिपादन प्रक्रिया के दौरान सतहों के साथ विवरणों को जोड़ने की अनुमति देता है।
मैं 3D विंडो के ऊपर दाईं ओर के चयनकर्ता से "Normal + Height + Mesh" का चयन करता हूँ। यह दृश्य कई सूचना चैनलों के संयोजन को दर्शाता है जो किसी वस्तु की सतह पर सिम्युलेटेड विवरण को संशोधित करते हैं। इन विवरणों के बिना, वस्तु की सतह सपाट दिखाई देगी, विशेष रूप से लकड़ी के हिस्सों में यह बहुत विश्वसनीय नहीं है।
विशेष रूप से, उदाहरण में, जो मैं स्क्रीन पर दिखा रहा हूँ, सतह के विवरण मुख्य रूप से, लकड़ी के हिस्सों में, "Fibers" परत द्वारा, उस जानकारी के साथ और इसके बिना सतह की उपस्थिति में विभिन्नताओं का निरीक्षण करने के लिए, लागू किए जाते हैं। Layers टैब में उन प्रभावों को अक्षम करना पर्याप्त है, जो 3D दृश्य में "Normal + Height + Mesh" मोड और “Material" मोड दोनों में अंतरों को देखते हैं।
यदि वस्तु अग्र के बजाय "Oblique" प्रकाश से रौशन होती है, तो अंतर और अधिक स्पष्ट हो जाते हैं।
यह प्रभाव “Iron Old" सामग्री की "Iron" और "Edges" परतों में धातु के भागों में भी होते हैं।
खैर, सब्स्टन्स पेंटर में PBR की मूल बातों पर इस परिचयात्मक शिक्षण के लिए, हम यहां रुकते हैं; मुझे आशा है कि आपको यह रोचक और उपयोगी लगा होगा।
जल्द ही फिर मिलेंगे!